Friday, January 13, 2017

रास्ता बोला....

न सोचा, न समझा
न जाना के कितनी 
मुश्किलें आयेंगी
मगर जैसे ही कदम बढाया
रास्ते ने पहल की
भई जा तो हम भी उसी ओर रहें है
क्यों ना साथ में ही चल दें
मंज़िल का तो पता नहीं
कम से कम सफ़र तो अच्छा कटे...

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